जोबनेर अत्यंत प्राचीन स्थान है। कूर्म विलास में इसका नाम जोगनेर (योगिनी का नगर) लिखा गया है जो इसका प्राचीन नाम प्रतीत होता है। साहित्यिक ग्रंथों तथा शिलालेखों में इसे जोवनपुरी, जुब्बनेर, जोबनेरि, जोबनेर आदि नामों से कहा गया है। यह कस्बा जयपुर से लगभग 42 किलोमीटर दूर पश्चिम में स्थित है। यहां से अनेक शिलालेख प्राप्त हुए हैं जिनमें से एक चौहानों का है तथा अन्य कछवाहों की खंगारोत शाखा के हैं। चौहानों के समय यह सपादलक्ष का ही भाग हुआ करता था। यह स्थान चौहानों से कछवाहों की हम्मीर देका शाखा के अधिकार में आया और उनसे खंगारोतों के अधिकार में आया। आम्बेर के राजा पृथ्वीराज के पुत्र जगमाल और उसके पुत्र खंगार ने जोबनेर पर अपना अधिकार जमाया।
